Bonds VS FD Return: ब्याज से लगातार इनकम पाने के लिए सीनियर सिटीजन एफडी के बजाय बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। एफडी की तुलना में कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्प हैं। सरकारी सिक्योरिटीज पैसों की पूरी सुरक्षा की गारंटी देती हैं, वह भी बेहतर रिटर्न दे रही हैं।
हाइलाइट्स
- ब्याज से लगातार इनकम पाने के लिए सीनियर सिटीजन एफडी के बजाय बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं
- एफडी की तुलना में कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्प हैं
- सरकारी सिक्योरिटीज पैसों की पूरी सुरक्षा की गारंटी देती हैं, वह भी बेहतर रिटर्न दे रही हैं
हाल ही में महंगाई को मात देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसके बाद तमाम बैंकों ने अपने लेंडिंग रेट्स बढ़ाए हैं, लेकिन एफडी रेट्स के मामले में ऐसा कुछ नहीं देखने को मिल रहा है। ऐसे में एफडी की तुलना में कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्प हैं और सुरक्षित भी हैं। यहां तक कि जो सरकारी सिक्योरिटीज पैसों की पूरी सुरक्षा की गारंटी देती हैं, वह भी बेहतर रिटर्न दे रही हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को उच्च लेवल की सुरक्षा और अच्छे रिटर्न की जरूरत होती है, जो सरकारी सिक्योरिटीज से मिल सकती है। सरकारी सिक्योरिटीज में तगड़ी लिक्विडिटी का फायदा भी मिलता है। भारतीय रिजर्व बैंक अपने रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के जरिए और अधिक निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट में लाने की कोशिशें कर रहा है। यहां तक कि किसी आपात स्थिति में सरकारी सिक्योरिटीज को लोन लेने के लिए गारंटी के तौर पर भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
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एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए 2051 और 2061 में मेच्योर होने वाली सरकारी सिक्योरिटीज 7.55 फीसदी की दर पर उपलब्ध है। इसका मतलब है कि जो लोग इनमें निवेश करेंगे उन्हें 29 साल और 39 साल के लिए 7.55 फीसदी का ब्याज मिलेगा। कोई भी बैंक इतनी लंबी अवधि के लिए एफडी ऑफर नहीं करता है। इसके अलावा कुछ कॉरपोरेट बॉन्ड 9.5 फीसदी तक का ब्याज ऑफर कर रहे हैं, लेकिन उनकी अवधि काफी कम होती है।
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