DHFL 13 जुलाई को नतीजों का ऐलान करेगी कंपनी
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) लगातार नकदी के भयानक संकट से जूझ रही है। कम्पनी ने 31 मार्च, 2019 को समाप्त तिमाही और वित्त वर्ष के नतीजों को 2 सप्ताह के लिए टाल दिया है। इससे कंपनी के शेयर को तगड़ा झटका लगा और लगभग 12 फीसदी तक टूट गया। गौरतलब है कि कंपनी का शेयर बीते साल सितंबर से लगातार टूट रहा है। सितंबर, 2018 में कंपनी का शेयर 600 रुपए के आसपास था, जो अब गिरकर 72 रुपए पर आ चुका है।
DHFL ने बोर्ड मीटिंग टालने की बताईं ये मुख्य वजह
DHFL (डीएचएफएल) ने बोर्ड मीटिंग टालने की मुख्य वजह बोर्ड के कुछ डायरेक्टर्स की उपलब्धता नहीं होने और ऑडिट कमेटी के सभी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 31 मार्च, 2019 को समाप्त तिमाही और वित्त वर्ष के नतीजों को मंजूरी देने के लिए होने वाली बोर्ड मीटिंग को टाल दिया गया है।
DHFL ने सब्सिडियरी कंपनियों में बेची स्टेक
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी DHFL इन दिनों लिक्विडिटी संकट का सामना कर रही है। हाल में वह अपनी कर्ज चुकाने की प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर सकने की वजह से डिफॉल्ट कर गई थी। कंपनी ने अपनी कर्ज की बाध्यताओं को पूरा करने के लिए सब्सिडियरी कंपनियों में स्टेक बेचने सहित कई माध्यमों से फंड जुटाया है।
DHFL की बोर्ड मीटिंग अब 13 जुलाई को होगी
डीएचएफएल ने एक रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा, ‘31 मार्च, 2019 को समाप्त वित्त वर्ष और चौथी तिमाही के नतीजों को मंजूरी देने के लिए पहले 29 जून, 2019 को बोर्ड मीटिंग होने थी, जिसे अब बढ़ाकर 13 जुलाई, 2019 किया जा रहा है।’
DHFL इन कंपनियों में बेची हिस्सेदारी
डीएचएफएल ने इसी हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि वह अपनी सब्सिडियरी कंपनियों डीएचएफएल प्रामेरिका एसेट मैनेजर्स और डीएचएफएल प्रामेरिका ट्रस्टीज में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देगी। हाल में मंगलवार को कंपनी अपने 375 करोड़ रुपए के कमर्शियल पेपर्स में 60 फीसदी प्रिंसिपल पेमेंट का डिफॉल्ट कर गई थी।
गौरतलब हो की पिछले दिनों एक न्यूज वेबसाइट ने दावा किया था कि डीएचएफएल (DHFL) के प्राइमरी प्रमोटर्स ने शेल कंपनियों को लोन और एडवांसेस देकर “31 हजार करोड़ रुपए का घोटाला” किया है। यह भी आरोप लगाया गया कि इन हथकंडों से प्रमोटर्स ने अपनी निजी वैल्थ खड़ी की।
सबसे बड़े बैंकिंग स्कैम का आरोप
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जर्नलिस्टिक स्टिंग ऑपरेशन के लिए जानी जाने वाली कोबरापोस्ट वेबसाइट ने इसे ‘भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग स्कैम’ करार दिया। वेबसाइट ने आरोप लगाया कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प (Dewan Housing Finance Corp) के प्रमोटर्स ने संदिग्ध कंपनियों को पैसे की रूटिंग की और भारत के बाहर एसेट तैयार कीं। यह भी आरोप लगाया गया कि कंपनी ने केंद्र में काबिज भारतीय जनता पार्टी को 20 करोड़ रुपए का डोनेशन दिया।
डीएचएफएल के प्रमोटर्स पर उठाए सवाल
कोबरा पोस्ट के एडिटर अनिरुद्ध बहल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, संदिग्ध शेल या पास-थ्रू कंपनियों को सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन देकर इस स्कैम को अंजाम दिया गया। ये कंपनियां डीएचएफएल के प्राइमरी स्टेकहोल्डर्स कपिल वाधवान, अरुणा वाधवान और धीरज वाधवान के नजदीकियों और एसोसिएट्स से संबंधित थीं। यह पैसा आगे वाधवान फैमिली के नियंत्रण वाली कंपनियों के पास चला गया।
News Source: Money Bhaskar
यदि आपके मन में इस Blog Post के संबंधित कोई भी प्रश्न है तो कृपया नीचे Comment ज़रुर करें।
कृपया हमारे Blog Post के प्रति अपनी ख़ुशी दर्शाने के लिए इसे Facebook, Twitter, Google+ और LinkedIn इत्यादि Social Network पर शेयर कीजिए।
ऐसे ही और Informational Posts पढ़ते रहने के लिए और नए Blog Posts के बारे में Notifications प्राप्त करने के लिए आज ही हमें Subscribe कीजिए।
शेयर बाज़ार में बिना जानकारी के निवेश जोखिम से भरा हो सकता है। इस ब्लॉग के माध्यम से दी गई सभी जानकारी Education Purpose के लिए है, किसी भी तरह का निवेश करने पहले अपने फाइनेंसियल सलाहकार से जरुर सलाह करें।