222 कंपनियां होंगी BSE (बीएसई) से बाहर
देश का लीडिंग स्टॉक एक्सचेंज BSE बुधवार से अपने प्लेटफॉर्म पर 222 कंपनियों को जिनके स्टॉक में पिछले 6 महीने से भी ज्यादा समय से ट्रेडिंग नहीं हो रही थी, उन्हें डीलिस्ट करने जा रहा है। BSE ने अपने एक सर्कुलर में यह जानकारी दी है। BSE यह कार्रवाई तब कर रही है, जब सरकार भी शेल कंपनियों को लेकर सख्त है।
पिछले साल अगस्त में मार्केट रेग्युलेटर SEBI ने Stock Exchange से 331 Suspected शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। सरकार ने अवैध निधि के इस्तेमाल को रोकने के लिए पहले ही 2 लाख शेल कंपनियों पर रोक लगा चुकी है। BSE ने सर्कुलर के जरिए कहा है कि इनमें से 210 कंपनियों में 6 महीने से भी ज्यादा समय से ट्रेडिंग बैन है। 4 जुलाई बुधवार से ये कंपनियां BSE के प्लेटफॉर्म से बाहर हो जाएंगी।
NSE से कंपलसरी डीलिस्टिंग वाली कंपनियां भी
पैरामाउंट प्रिंटपैकेजिंग, क्लासिक डायमंड्स इंडिया लिमिटेड, एशियन इलेक्ट्रॉनिक्स, बिरला पावर सॉल्यूशंस,, इनोवेंटिव इंडस्ट्रीज, और SVOGL ऑयल गैस एंड एनर्जी जैसी कंपनियां भी हैं, जिनकी पहले ही NSE से कंपलसरी डीलिस्टिंग हो चुकी हैं। अब ये BSE से भी बाहर हो रही हैं।
Promotors पर भी लगेगा बैन
डिलिस्टिंग रेग्युलेशंस के तहत डिलिस्ट कंपनी, उसके Whole Time Directors, Promotors, और ग्रुप कंपनी पर कंपलसरी डीलिस्टिंग की तारीख से 10 साल तक Share Bazaar में ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लग जाएगा।
डिलिस्ट कंपनियों के प्रमोटर्स को BSE द्वारा नियुक्त Independent Valuer द्वारा तय किए गए मूल्य पर Public Share Holders से शेयर खरीदने होंगे। इसके अलावा इन कंपनियों को सेबी की सलाह पर 5 साल के लिए एक्सचेंज के डिस्सेमिनेशन बोर्ड के पास भेज दिया जाएगा।
Liquidation की वजह ये कंपनियां भी बाहर
Liquidation की वजह से ऑमनीटेक इंफोसॉल्यूशंस, MMS इंफ्रास्ट्रक्चर, इंटीग्रेटेड फाइनेंस कंपनी, ओसिस टेक्सटाइल्स,, फ्लालेस डायमंड इंडिया लिमिटेड और इंडो बॉनिटो मल्टीनेशनल 6 महीने से ज्यादा समय से सस्पेंड चल रही हैं। ये कंपनियां भी बाहर होंगी।
ये सब के लिए अच्छा है कि सरकार और SEBI इस समय इन सब मामलों को लेकर सजग हैं।