Financial Goals पूरा करने के लिए हमारी Financial Planning कैसी होनी चाहिए?

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Financial Goals (वित्तीय लक्ष्य) कितने तरह के होते है?

Financial Goals पूरा करने के लिए हमारी Financial Planning कैसी हो आइये देखते हैं। दोस्तों वित्तीय लक्ष्य पूरा करने के लिए हमारे पास उपलब्ध समय के आधार पर देखे तो कुल वित्तीय लक्ष्य तीन प्रकार के होते है:

1. Short Term Goals: वो Goals जिनको पूरा करने के लिए हमारे पास 1 साल से कम का समय है।
2. Medium Term Goals: वो Goals जिनको पूरा करने के लिए हमारे पास 1 साल से ज्यादा और 5 साल से कम का समय उपलब्ध है।
3. Long Term Goals: जिनको पूरा करने के लिए हमारे पास 5 साल से ज्यादा का समय उपलब्ध है।

smart-goalsहमारे Financial Goals हमेशा S.M.A.R.T. (Specific, Measurable, Achievable, Realistic,Time Bound.) होने चाहिए। साथ ही वित्तीय लक्ष्य बिलकुल स्पष्ट होने चाहिए जैसे:  हमें क्या चाहिए, कब चाहिए, क्यों चाहिए और हमें कैसे प्राप्त होगा, आदि-आदि।

जैसे –  आज अगर हमारी वार्षिक आमदनी 3 से 4 लाख रूपये है, तो आज से लगभग 30 साल बाद रिटायरमेंट के वक्त के लिए 1 करोड़ रूपये जमा करना, ताकि उस पैसे से हम 5% वार्षिक ब्याज  की दर से रिटायरमेंट के बाद हर साल 5 लाख रूपये की हमें आमदनी होती रहे, और हम रिटायरमेंट के बाद एक आत्मनिर्भर जीवन जी सके। ताकि हमें किसी के आगे हाथ ना फैलना पड़े।

लेकिन अक्सर हमारे साथ क्या होता है?

हम में से अधिकतर लोगों की मानसिकता ऐसी है, कि हम हमेशा अपने जमा धन की सुरक्षा पहले चाहते हैं, इसलिए यदि हमें Stock Market, Mutual Fund, Debentures, आदि में Invest करने के बारे में पूरी जानकारी हो, तब भी हम Bank/Post Office की FD (Fixed Deposit‎) / RD (Recurring Deposit) Schemes में ही उलझे रहते हैं, या बैंक में जमा कर देते हैं। इस कारण अप्रत्‍यक्ष रूप से कम से कम 2% सालाना का नुकसान उठाते हैं जबकि यही Bank/Post Office हमारे FD/RD में जमा पैसे को या तो Business Owners को Loan के रूप में देते हैं, या फिर स्‍वयं किसी ना किसी Company के Stocks, Debentures, Mutual Fund, IPO आदि में Invest करते हुए लगभग 12 से 15% सालाना का Return प्राप्‍त करते हैं, क्‍योंकि उन्‍हें पता है कि Inflation Rate (महँगाई दर) 10% की तुलना में केवल 8% बढ़ने वाला Fixed Deposit वाला धन भी महँगाई (Inflation) की वजह से अप्रत्‍यक्ष रूप में कम से कम 2% वार्षिक दर से कम हो जाता है। इसलिए FD/RD की सुरक्षा भी वास्‍तव में सुरक्षित नहीं है।

हम जब Investment की बात करते हैं, तो हमारी सबसे पहली प्राथमिकता अपने Investment की Safety की होती है। अपने बचत के पैसों पर बिलकुल भी Risk लेना नहीं चाहते। यानी ज्‍यादातर लोगों की मानसिकता यही रहती है कि उनके द्वारा Invest किए गए Amount पर 10 साल बाद भी हमें चाहे 1 रूपया भी ज्यादा ना मिले लेकिन कम से कम उतना पैसा तो मिले, जितना हमने Invest किया है। और ऐसे में Bank FD/RD ही सबसे Safe दिखाई देते हैं, क्‍योंकि हमें लगता है कि सभी Banks में जमा धन कभी डूब नहीं सकता। जबकि सच्‍चाई ये है कि बैंक भी डूब जाते हैं, और उनमें जमा धन भी। 2008 में अमेरिका के सबसे बड़े बैंक के डूबने की वजह से पूरी दुनियॉं में मंदी आ गई थी। इसलिए ये सोचना ठीक नहीं है कि बैंक पूरी तरह Safe हैं, क्यूंकि हम भारत के किसी भी सरकारी या Private Bank में चाहे कितने भी रूपए जमा रखें, यदि किसी कारण वश वह बैंक डूब जाता है, तो सरकार हमको अधिकतम केवल 1 लाख रूपए ही Return करेगी। इसलिए यदि हमे बैंक में ही पैसे रखने हैं तो 1 लाख रूपयों से अधिक कभी नहीं रखने चाहिए, क्‍योंकि यदि वह बैंक डूब गया, तो सरकार से हमे केवल 1 लाख रुपया ही Return मिलेगा। हालाँकि ये कम ही होते हैं कि बैंक डूब जाते हैं और  यहाँ हम बैंक को गलत नही कह रहे हैं। हमारा उद्देश्य अपना Goal Achive करने का है, और बैंक में जमा कर हम अपना Financial Goals पूरा नहीं कर सकते हैं।

हम लोगों की Financial Investment Safety खोजने की मानसिकता केवल हमारी Financial (वित्तीय) निरक्षरता की वजह से ही है। क्योंकि हम आर्थिक क्षेत्र में निरक्षर होने कि वजह से ही Inflation के Effect को नहीं समझते। हम ये बात नहीं जानते कि पैसों की कीमत दो तरीकों से कम होती है- Price-wise और Time-wise; यानी किसी चीज की कीमत 500 रूपए से 450 रूपए हो जाना, उस चीज की Value, Price-wise कम होने के समान है। जबकि उसी चीज की कीमत कई सालों तक 500 रूपए ही रहना, उस चीज की Value, Time-wise कम होने के समान है।

हम लोगों को चीजों की कीमत Price-wise कम होना तो समझ में आता है, लेकिन Inflation की वजह से चीजों की कीमत का Time-wise कम होना हमें समझ में नहीं आता। और इसी वजह से हम अपनी बचत को Bank FD जैसे Safe Instruments में Invest करके अपनी बचत को Time-wise कम करते रहते हैं।

अत: जब भी हम कोई Financial Goal तय करते हैं, ताे उसे पूरा के लिए हमें वास्‍तव में जितने Amount की जरूरत आज है, उस Amount को कम से कम 10% सालाना की दर से बढ़ा दें, तभी हम अपने वित्तीय लक्ष्य को भविष्‍य में Successfully Achieve कर पाऐंगे।

महँगाई (Inflation) ऐसी चीज है जिसका हमें सही-सही अंदाजा ही नहीं लगता और ये धीरे-धीरे, चुपचाप हमारे बचत के पैसों की Purchasing Power को लगातार कम करती जाती है। अत: यदि आज हम अपनी बचत को 8% सालाना की दर से Bank/Post Office में Fixed Deposit/Recurring Deposit कर रहे हैं या PPF Account में जमा कर रहे हैं, तो हमे थोड़ा सोचने की जरुरत है।

15 साल बाद हमारे उस बचत की Value क्‍या होगी?

वास्तव में बचत की जिस Financial Security को पाने के लिए हम Bank FD या RD करते हैं, वही हमारे Financial Future के लिए सबसे बड़ी Insecurity है। हम अपनी Bank FD के पैसों से उन Financial Goals को पूरा करने की कोशिश करते हैं, जिनके लिए हमने Safe Investment समझकर किया था, तब हमे पता चलता है कि हम अपने उस वित्तीय लक्ष्य को Achieve ही नहीं कर सकते, क्योंकि हमें जितना पैसा Return मिला है, उससे Financial Goal की Price कहीं ज्‍यादा बढ़ चुकी है। और हमारे वित्तीय लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते हैं।

इसलिए कोई भी Financial Goal हो, यदि हम उसे Successfully Achieve करना चाहते हैं, तो हमको पूरे एक Process को Follow करना होता है, जैसे:

  1. सबसे पहले हमे अपना वित्तीय लक्ष्य तय करना होता है।
  2. फिर उस Financial Goal को कब तक Achieve करना है, उस Time Duration को तय करना होता है।
  3. हमारी प्रतिमाह की कुल आय कितनी है और हमारे प्रतिमाह के कुल खर्चे कितने होते हैं।
  4. प्रतिमाह अधिकतम बचत करने के लिए हमको अपने खर्चों में से ज्यादा जरूरी और कम जरुरी खर्चों को पहचान कर समझौता किए बिना, खर्चों में कटौती करने के विषय में सोंचना होता है।
  5. फिर उस प्रतिमाह के Saving Amount के आधार पर तय होता है कि हम जो Financial Goal Achieve करना चाहते हैं, वह हमारे द्वारा निश्चित की गई समयावधि में Achievable है या नहीं।
  6. जब हमे अपना वित्तीय लक्ष्य, समयावधि व अपनी Monthly Saving का अनुमान हो जाता है, उसके बाद हमें अपनी बचत को ऐसे Financial Instrument में Invest करने का निर्णय लेना होता है, जो हमारे वित्तीय लक्ष्य को Inflation को Beat करते हुए समय पर पूरा करने में हमारी मदद कर सके।

Financial Goals पूरे करने के लिए हमे कहाँ निवेश करना चाहिए?

अधिकतर लोग Share Bazaar को सरकारी जुआखाना मानते हैं, जबकि ये गलत है शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। जिस तरह से किसी देश, गाँव या शहर के विकास के लिये सडकें, रेल यातायात, बिजली, पानी सबसे ज़रूरी होते है, वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिये Share Market ज़रूरी है। उद्योग धंधो को चलाने के लिये कैपिटल चाहिये होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से मिलता है। शेयर बाज़ार के माध्यम से हर आम आदमी बडे़ से बडे़ उद्योगों मे अपनी भागीदारी कर सकता है। इस तरह की भागीदारी से वो बड़े उद्योगों मे होने वाले मुनाफ़े और नुकसान मे बराबर का हिस्सेदार बन जाता है। इस लेख का सार ये है कि हमे अपने Goal पूरे करने के लिए शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहिए। लेकिन किसी प्रोफेसनल की मदद लेकर और अगर आप खुद करते हैं तो Share Bazaar के बारे में अच्छी तरह से जानकर सीख कर कर सकते हैं। इसके लिए हमारे पिछले लेख पढ़ सकते हैं।

Share Bazaar ने अच्छा Compound Interest Return दिया है। 1982 में 100 के Index Number से शुरू होने वाला हमारा Sensex आज 38000 के पार है। यानी यदि 1982 में हमने 100 रूपए Invest करके Sensex के 1 Unit को खरीदा होता, तो हमारे उसी 100 रूपयों की वैल्यू आज 38000+ यानी लगभग 380 गुना से ज्‍यादा होती, जबकि उन्‍हीं 100 रूपयों को यदि हमने Bank FD में जमा किया होता, और जो कि हर 5 साल में हमारे 100 रूपयों को दुगुना करता, तब भी लगभग 36 साल बाद हमे केवल 12800 रूपए ही मिलते और इन रूपयों से हम उनती चीज भी नहीं खरीद पाते, जितना 1982 में 100 रूपयों में ख़रीद लेते थे। वैसे आजकल 5 साल में नहीं लगभग 8 साल में FD की वैल्यू दुगनी के बराबर होती है। अब हम खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं, कि हमारे जमा पैसों कि वैल्यू क्या होगी।”

इस Article में हमने अपना Financial Goal तय करने, उसे Achieve करने से सम्‍बंधित Time-Duration निश्चित करने और Financial Goal से सम्‍बंधित Inflation सहित Final Amount तय करने के बारे में विस्‍तार से समझने की कोशिश की। आशा है कि आप लोगों की समझ में आ गया होगा। फिर मिलेंगे जल्दी एक नए विषय के साथ।

धन्यवाद


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नमस्कार दोस्तों मेरा शेयर बाजार हिंदी भाषा में शेयर बाजार की जानकारी देने वाला ब्लॉग है। नए लोग इस बाजार में आना चाहते हैं उन्हें सही से मार्गदर्शन देने का प्रयास करती है। इसके अलावा फाइनेंसियल प्लानिंग, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट, पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड (PPF), म्यूच्यूअल फंड्स, इन्शुरन्स, शेयर बाजार सम्बंधित खास न्यूज़ भी समय -समय पर देते रहते हैं। धन्यवाद्

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